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"पतितों के देश में" रामवृक्ष बेनीपुरी

रूसो नहीं होते तो फ़्रेंच रिवोल्यूशन नहीं होता और बेनीपुरी नहीं होते तो बिहार में क्रांति नहीं होती! जेपी-लोहिया को क्रांति की कलम देकर आपको क्या मिला? आपने ठीक कहा कि "पतितों का देश" आपको क्या देगा! कोई माफ़ी नहीं माँगेगा, मैं माँगती हूँ आपसे! मन कलइप गेल अहाँक घर मs...प्रायश्चित कsरब...#LetsOpenBihar #30YearsLockdown