बिहार की शस्य श्यामला धरती में “फूल भी हैं शूल भी, धूल भी है, गुलाब भी, कीचड़ भी है, चंदन भी, सुंदरता भी है, कुरूपता भी” - मुझे पता है कि रेणु जी की तरह किसी से भी दामन बचाकर निकलना संभव नहीं हो पाएगा। लेकिन बिहार के “मैला आँचल” में एक सुकून है। “पता नहीं अच्छा किया या बुरा, जो भी हो, अपनी निष्ठा में कमी महसूस नहीं करती”। #प्रगतिशीलबिहार2020 #पॉजिटिवपॉलिटिक्स2020 #ऋणजलधनजल #मैलाआँचल